कोलकाता रेप मर्डर के खिलाफ गुस्सा फूटा उत्तराखंड में डॉक्टरों का गुस्सा
डॉक्टर विकास दीप का कहना है कि मामले में जो तथ्य सामने आए हैं, वो किसी बड़ी साजिश की ओर अंदेशा कर रहे हैं। इसलिए जब तक महिला डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे।
शनिवार को प्रदेशभर में रखी गई ओपीड़ी बंद, हरिद्वार में चिकित्सक ने रखी भूख हड़ताल
देहरादून। कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है। देशभर में डॉक्टर हड़ताल और प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में भी शनिवार को डॉक्टरों ने सड़कों पर उतरकर अपने-अपने तरीके से कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस पर विरोध जताया। वहीं हरिद्वार जिला हॉस्पिटल के डॉक्टर विकास दीप ने तो इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी।
कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस को लेकर धरने पर बैठे हरिद्वार जिला हॉस्पिटल के डॉक्टर विकास दीप ने साफ किया है कि जब तक असली अपराधी नहीं पकड़े जाते हैं, वो अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं करेंगे। भूख हड़ताल के बाद भी डॉ विकास दीप अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। डॉक्टर विकास दीप का कहना है कि मामले में जो तथ्य सामने आए हैं, वो किसी बड़ी साजिश की ओर अंदेशा कर रहे हैं। इसलिए जब तक महिला डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे।
उनके साथी डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने डॉ विकास दीप को मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वो किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं। कोलकाता की घटना से डॉक्टरों का गुस्सा चरम पर है। हालांकि मरीजों को किसी भी तरह की समस्या न हो, इसके लिए इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप चल रही हैं।
कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर मामले को लेकर मसूरी उप जिला चिकित्यालय में डॉक्टरों के साथ-साथ अन्य मेडिकल स्टाफ और चुतर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी हड़ताल पर चल गए। सभी ने मसूरी घंटाघर चौक पर रैली निकाल अपना विरोध जताया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर फांसी देने की मांग की।
प्रदेश के अन्य शहरों की तरफ टिहरी जिले में भी शनिवार को डॉक्टर हड़ताल पर रहे। टिहरी के सरकारी हॉस्पिटलों में भी डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद रखी। प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने सभी जिलों के समस्त कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर विरोध करने का ऐलान किया। टिहरी जिले के अस्पतालों के बाहर सूचना चस्पा कर दी कि 17 अगस्त से 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक कार्य बहिष्कार रहेगा।
उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर देहरादून में भी सभी डॉक्टर और सरकारी हॉस्पिटलों में काम करने वाले अन्य कर्मचारी हड़ताल पर रहे। देहरादून के डॉक्टरों ने भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की। दरअसल, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीती 8-9 अगस्त की रात को आरजी कर हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की गई थी। इस घटना के बाद से ही पूरे देश में लोगों में गुस्सा है।
मरीजों को असुविधा के लिए मांगी डाक्टरों ने माफी
देहरादून। चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनोज ने डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को हो रही असुविधा के मांफी मांगी है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार नहीं किया है। चिकित्सा कर्मियों के साथ हो रही हिंसा और दुर्व्यवहार की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है। वरना देश में अराजक तत्वों के हौसले और बुलंद हो जाएंगे। इससे भविष्य में बड़ी दुर्घटना का अंदेशा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट तो बना है, लेकिन इस एक्ट का पालन मजबूती से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा सभी चिकित्सालय में पुलिस व्यवस्था की मांग उठाते हुए कहा कि पुलिस प्रोटेक्शन मिलने से सभी स्वास्थ्य कर्मियों विशेष कर महिलाओं में सुरक्षित रहने का भाव बना रहेगा।
बागेश्वर के डॉक्टरों ने की पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग
देहरादून। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने बागेश्वर जिला अस्पताल में प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा को रोकने के लिए केंद्रीय कानून की मांग की। उन्होंने पीड़िता के परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग की है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने नगर में जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। साथ ही बागेश्वर जिला अस्पताल में भी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को कहा।