उत्तराखंड

विधि- विधान से तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट खुले

इस अवसर पर श्री तुंगनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था।

पांच सौ से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के अवसर पर मौजूद रहे।
रूद्रप्रयाग। पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट शुक्रवार को पूर्वाह्न 10.15बजे खुल गये है। प्रसिद्ध कथावाचक व्यास आचार्य लंबोदर मैठाणी, श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) प्रबंधक बलबीर नेगी की उपस्थिति में आचार्य पुजारी विजय भारत मैठाणी तथा अन्य पुजारी गणों ने कपाट खोलने की प्रक्रिया पूरी की।
श्री तुंगनाथ के स्य़भू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया इस अवसर पर पांच सौ से अधिक लोगों ने बाबा तुंगनाथ जी के दर्शन किये। इस अवसर पर श्री तुंगनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी है। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बृहस्पतिवार 1 मई को तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली भूतनाथ मंदिर से चोपता प्रवास के लिए पहुंची।
शुक्रवार 2 मई सुबह भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली चोपता से श्री तुंगनाथ पहुंची तथा आज पूर्वाह्न 10.15 सवा दस बजे श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खुल गये। श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुलने के अवसर पर अवसर पर आचार्य लंबोदर मैठाणी, मक्कूमठ में मठापति रामप्रसाद मैठाणी, पूर्व मंदिर अधिकारी भूपेंद्र मैठाणी, मंदिर समिति प्रबंधक बलबीर नेगी,ग्राम प्रधान विजय पाल, क्षेत्र समिति सदस्य जयबीर नेगी,पुजारी रविंद्र मैठाणी सहित चंद्र मोहन मैठाणी,मुकेश मैठाणी, विनोद मैठाणी, अतुल मैठाणी, अजय मैठाणी सहित चंद्र मोहन बजवाल, आलोक एवं बड़ी संख्या में हकहकूकधारी तथा श्रद्धालु मौजूद रहे।

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