उत्तराखंड

एनएसडीसी ने कौशल विकास क्षेत्र के विस्तार में बड़ा कदम उठाया

50 नए फ्यूचर स्किल सेंटर और 10 इंटरनेशनल एकेडमी की होगी स्थापना

देहरादून। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने आज पूरे भारत में स्किलिंग के विस्तार की महत्वपूर्ण घोषणा की है। जिसके तहत कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए 50 नए फ्यूचर स्किल्स सेंटर और 10 एनएसडीसी इंटरनेशनल एकेडमी स्थापित करने की योजना है।
वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन के दौरान, एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी वेद मणि तिवारी ने डोमेस्टिक और ग्लोबल जॉब मार्केट के लिए भारतीय युवाओं को स्किल और अपस्किल करने के लिए अपना रोडमैप साझा किया। उन्होंने कहा, उद्योग-संरेखित कार्यक्रमों की संख्या 300 से अधिक हो जाएगी, जिसमें 12 प्रमुख उभरती टेक्नोलॉजी शामिल होंगी। इसका लक्ष्य 2 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना और 2.70 लाख वर्ग फुट से अधिक ट्रेनिंग इन्फ्रॉस्ट्रक्चर स्थापित करना है, ताकि रोजगार क्षमता और वर्कफोर्स की तत्परता को और मजबूत किया जा सके।
उद्योग से जुड़े कार्यक्रमों का उद्देश्य, शिक्षा को उभरती टेक्नोलॉजी और उद्योग की जरूरतों के साथ जोड़कर थियोरेटिकल नॉलेज और प्रैक्टिकल स्किल्स के बीच के गैप को पाटना है। अब तक, 33 ग्लोबल कॉर्पाेरेशन ने भागीदारी की है, और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में 21 फ्यूचर स्किल सेन्टर स्थापित किए गए हैं। 9 प्रमुख उभरती टेक्नोलॉजी को कवर करते हुए 200 से अधिक उद्योग-संरेखित कार्यक्रमों का कार्पाेरेशन द्वारा मूल्यांकन और प्रमाणन किया गया है। 27,000 से अधिक उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी गई है, जिसमें 1.20 लाख वर्ग फुट से अधिक ट्रेनिंग स्पेस विकसित किया गया है।
एनएसडीसी का लक्ष्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से उभरती टेक्नोलॉजी में चुनौतियों का समाधान करके टियर 2 और 3 कॉलेजों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ बनाना है। अब तक, 11 प्रीमियम संस्थानों ने 17 माइक्रो-क्रेडेंशियल प्रोग्राम शुरू करने के लिए भागीदारी की है, जिसमें 75,000 से अधिक क्रेडिट प्रदान किए गए हैं और 5,000 से अधिक उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी गई है।
भविष्य को देखते हुए, एनएसडीसी ने 15 प्रीमियम संस्थानों के साथ सहयोग करने, 30 से अधिक माइक्रो-क्रेडेंशियल प्रोग्राम शुरू करने और लगभग 1,80,000 क्रेडिट प्रदान करने की योजना बनाई है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास तक पहुँच और बढ़ेगी। छात्रों को एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, माइनिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख उद्योग क्षेत्रों में उभरती टेक्नोलॉजी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होगा। ओईएम के टूल्स और करिकुलम को स्ट्रक्चर्ड गाइडेड पाथवेज़ में इंटीग्रेट किया जाएगा, जो विभिन्न प्रोफिशिएन्सी लेवल को सपोर्ट करेगा और विभिन्न डोमेन में जॉब के अवसरों को आगे बढ़ाएगा।
जॉब-एज-स्किल्स मॉडल के हिस्से के रूप में, तिवारी ने कहा, 1 मिलियन छात्रों को शामिल करने, अग्रणी ओईएम के साथ समझौता ज्ञापन करने, ट्रेनिंग पार्टनर्स को लाने, इन्डस्ट्री स्पेसिफिक टूल्स का चयन करने, कैरियर प्रोग्रेशन पाथवेज़ डिजाइन करने, एनएसडीसी और ओईएम के साथ ज्वाइन्ट सर्टिफिकेशन को लागू करने और चरणबद्ध तरीके से नए इन्डस्ट्री वर्टिकल शुरू करने की योजना है।
इंटरनेशनल मोबिलिटी के बारे में बात करते हुए, तिवारी ने कहा कि संस्थान नए इंटरनेशनल लैन्गुएज लैब्स और असेसमेन्ट सेन्टर स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है, जो उम्मीदवारों को बहुभाषी क्षमताओं से लैस करने और उनकी ग्लोबल रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए रशियन, इटैलिय़न, कोरियन और फ्रेंच में ट्रेनिंग प्रदान करेगा। भविष्य के लिए एक स्ट्रेटेजिक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करते हुए, वैश्विक रोजगार के अवसरों और कौशल विकास पहलों के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उन्होंने कहा, ष्इज़राइल ने 5000 हेल्थकेयर वर्कर्स का अनुरोध किया है।

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