शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट
यहां रातभर भजन कीर्तन किया जाएगा। जिसके अगले दिन मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन के लिए मुखबा गांव में रहेगी।
अब मुखबा में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी मां गंगा
विधि विधान से शीतकाल के लिए 12.14 बजे बंद किए गए कपाट
मां गंगा का अभिषेक व आरती के साथ ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की
देहरादून। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए आज दोपहर 12ः14 बजे बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा अपने मायके मुखबा में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी।
सेना के बैंड एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों की स्वरलहरियों तथा गंगा मैया की जय के उद्घोष के साथ गंगा जी डोली यात्रा के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना हुईं। गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने से पहले सुबह से गंगोत्री धाम में अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया। तीर्थ पुरोहितों ने घाट पर मां गंगा का अभिषेक व आरती के साथ ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। हर्षिल से आर्मी सेना के जवानों ने यहां निशुल्क मेडिकल कैंप तथा लंगर लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा की।
मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम से मां गंगा की उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रहेगी। यहां रातभर भजन कीर्तन किया जाएगा। जिसके अगले दिन मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन के लिए मुखबा गांव में रहेगी। उन्होंने कहा कि इस बार हजारों श्रद्धालुओं के बीच धाम के कपाट बंद किए गए।
गौर हो कि इस यात्राकाल में 1 अक्टूबर सायं तक जिले में अवस्थित इन दोनों धामों में 1521752 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है। जिनमें यमुनोत्री धाम आने वाले 710210 और गंगोत्री धाम में आने वाले 811542 तीर्थयात्री शामिल हैं। वहीं बीते दिन यमुनोत्री धाम में 1510 और गंगोत्री धाम में 1726 श्रद्धालुजन पहुंचे। बता दें कि भैया दूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद होंगे।
बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ उत्सव डोली पहुंचेगी, जहां बाबा केदारनाथ श्रद्धालुओं को छह माह तक दर्शन देंगे। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे। यमुनोत्री मंदिर के कपाट 3 नवंबर को दोपहर 12ः05 बजे बंद किए जाएंगे।