उत्तराखंड

श्रीनगर नगर निगम में कर्मचारियों व अधिकारियों के 90 पद खाली

पर्यावरण मित्र के 76 पदों में से केवल 37 पद ही भरे हुए हैं, जिसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

तीन साल बाद भी नगर की पर अव्यवस्थाएं हावी
श्रीनगर। श्रीनगर को नगर निगम बने हुए तीन साल से भी अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी भी निगम में कर्मचारियों की भारी कमी बनी हुई है। जिसके कारण लोगों को नगर निगम की सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। आलम ये है कि नये इलाको में ना सफाई कर्मी पहुंच रहे हैं और ना ही कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था है।
बता दें कि प्रदेश के सबसे छोटे श्रीनगर नगर निगम में कुल 90 कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पद खाली पड़े हुए हैं। नगर पिछले तीन सालों से प्रशासक औक उपजिलाधिकारी के सहारे चल रहा है। यहां सफाई निरीक्षक के 6 पदों में से केवल एक पद पर ही नियुक्ति हुई है। वहीं, जोनल सफाई अधिकारी और मुख्य सफाई अधिकारी के पद भी खाली हैं। पर्यावरण मित्र के 76 पदों में से केवल 37 पद ही भरे हुए हैं, जिसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इसके अलावा, पर्यावरण पर्यवेक्षक के 20 स्वीकृत पदों में से एक पद पर भी नियुक्ति नहीं हुई है।
नगर निगम में कर संग्रहकर्ता के आठ पद और राजस्व अधीक्षक के दो पद खाली चल रहे हैं। वहीं, राजस्व निरीक्षक के चार स्वीकृत पदों में से किसी पद पर भी नियुक्ति नहीं हुई है। स्वीकृत 6 पदों में से प्रधान सहायक के केवल एक पद पर ही नियुक्ति हुई है, जबकि उपनगर आयुक्त का पद भी खाली है। इंजीनियरिंग विभाग में भी नियमित नियुक्ति नहीं हुई है और इसे अन्य विभागों की मदद से संचालित किया जा रहा है। परिचर, प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, लेखाकार, आशुलिपिक, लेखा लिपिक और मानचित्रकार के पद भी खाली हैं। कुल मिलाकर नगर निगम में 90 पद खाली हैं।
नगर निगम श्रीनगर के सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी ने बताया कि नगर निगम में कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव शासन स्तर से प्राप्त निर्देशों के आधार पर किया जाना है। कर्मचारियों की कमी से नगर निगम का कार्य प्रभावित न हो, इसलिए कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है।

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