उत्तराखंड

दसलक्षण महापर्व के दुसरे दिन सभी जिनविम्वो की शांतिधारा बड़ी ही धूम‌धाम की गयी

जिसमें सोमवार को 9 पूजाएं की गई। समस्त कार्यक्रम टीकमगढ़ म.प्र. से पधारे पं. श्री नीरज जी शास्त्री के निर्देशन में सम्पन्न हुए।

देहरादून। सोमवार को दसलक्षण महापर्व के द्वितीय दिवस श्री 1008 श्री आदिनाथ दि. जैन मंदिर जी माजरा में प्रात काल श्रीजी का अभिषेक, मूलनायक भगवान के साथ सभी जिनविम्वो की शांतिधारा बड़ी ही धूम‌धाम से की गई। इसके उपरांत सोलह कारण, पंचमेर एवं दसलक्षणंधर्व की पूजा की गई और 1008 श्री नंदीश्वर विधान किया गया। जिसमें सोमवार को 9 पूजाएं की गई। समस्त कार्यक्रम टीकमगढ़ म.प्र. से पधारे पं. श्री नीरज जी शास्त्री के निर्देशन में सम्पन्न हुए।
सायंकालीन समय में श्री जी की मंगलमय संगीतमय आरती की गई, तदुपरांत उत्तम मार्दव धर्ग का महत्क ने कहा कि समझाते हुए श्री नीरज जी साजी हम सभी को मान कवाय का नाम करना चाहिए तभी जीवन में मार्दन धर्म प्रगर हो पायेगा। मान एक मीठा पहर है जो धीरे- धीरे हमारी आत्मा को कमजोर बनाता है।
जान पूजा कुल, जाति, ऋद्धि तप और शरीर इन आठ के माध्यम से यह अज्ञानी जील प्रतिक्षण अभिमान करता है।
प्रवचन के उपरांत भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसने सभी लोगों ने बढ़- चढ़कर भाग लिया।

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