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रुद्रप्रयाग में  900 मीटर लम्बी सुरंग निर्माण से हजारों आवासीय भवनों पर खतरा

सुरंग से प्रभावित लोगों की सुरक्षा की गारंटी ले जिला प्रशासन

900 मीटर लम्बी सुरंग निर्माण से हजारों आवासीय भवनों पर खतरा
सुरंग से प्रभावित लोगों की सुरक्षा की गारंटी ले जिला प्रशासन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संगम बाजार में दिया एक दिवसीय धरना
जिला प्रशासन से की प्रभावित परिवारों की सुरक्षा की मांग
रुद्रप्रयाग। बद्रीनाथ हाईवे को केदारनाथ हाईवे से जोड़ने को लेकर बन रही 900 मीटर लम्बी सुरंग से आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचने लगा है। इसके साथ ही रात के समय ग्रामीण भय के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों की माने तो सुरंग निर्माण से बेलनी, सांदर, संगम बाजार, लोनिवि के साथ जगतोली क्षेत्र को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय जनता की समस्याओं को समझते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संगम बाजार में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया और जिला प्रशासन से हजारों प्रभावित लोगों की सुरक्षा की मांग के साथ ही संगम बाजार से केदारनाथ हाईवे को जोड़ने वाली सुरंग के ट्रीटमेंट की मांग की।
बेलनी, सांदर, संगम बाजार, लोनिवि के साथ ही जगतोली क्षेत्र की जनता की समस्या को समझते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रविवार को संगम बाजार में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया। इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुरंग निर्माण से भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जिस प्रकार आज जोशीमठ की जनता आज भुगत रही है, वैसे ही इस क्षेत्र के लोग भी भविष्य में खुद को कोसने पर मजबूर हो जायेंगे। ऐसे में जरूरी है कि जिला प्रशासन पहले ही प्रभावित लोगों की सुरक्षा की गारंटी ले। निर्माण कार्य करने के बाद कंपनी भाग जायेगी और जिला प्रशासन प्रभावित लोगाों को आश्वासनों का झुनझुना देता रहेगा। ऐसे में जरूरी है कि पहले ही लोगों के साथ अनुबंध बनाकर उन्हें मुआवजा दिया जाए।
नगर कांग्रेस रुद्रप्रयाग के अध्यक्ष प्रशान्त डोभाल ने कहा कि केदारनाथ बाईपास से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली निर्माणाधीन सुरंग के शुरूआत से अंतिम छोर तक अब तक बहुत से आवासीय भवनों पर दरारें पड़ चुकी हैं, जबकि अभी भी यह सिलसिला जारी है। कार्यदायी संस्था भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी व जिला प्रशासन भवनों का आंकलन शीघ्र तैयार कर मुआवजा बांटे। इसके साथ ही क्षेत्र के लोगों के साथ अनुबंध बनाया जाए कि भविष्य में सुरंग के कारण कोई बड़ी घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और कार्यदायी संस्था की होगी। जिससे प्रभावितों को भटकना ना पड़े। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कारण मुख्यालय से सटा औण, डांगसेरा, पुनाड़ गांव खतरे की जद में है। औण गांव के ऊपर पहाड़ी से भी पत्थर बरस रहे हैं, जबकि नीचे से सुरंग निर्माण के कारण भवनों में मोटी-मोटी दरारें पड़ने से ग्रामीण भय के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। वहीं उन्होंने जिला प्रशासन से रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र की प्राचीन धरोहर केदारनाथ हाईवे को जोड़ने वाली क्षतिग्रस्त सुरंग का नव निर्माण करने की भी मांग की। इस मौके पर कांग्रेस नेता सूरज नेगी, दीपक भंडारी, नरेन्द्र रावत, सीके गैरोला, राजू जोशी सहित अन्य मौजूद थे।

आगे कुआं पीछे खाई वाली बनी है स्थिति
रुद्रप्रयाग। लोनिवि कार्यालय से कुछ दूरी पर केदारनाथ हाईवे को बद्रीनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए 900 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा है। इस सुरंग के बनने के बाद जहां पर्यटन की दृष्टि से रुद्रप्रयाग मुख्यालय काफी महत्वपूर्ण हो जायेगा, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार के मार्ग प्रशस्त होंगे। आने वाले समय में रुद्रप्रयाग शहर किसी बड़े शहर से कम नजर नहीं आयेगा। सुरंग के साथ ही बद्रीनाथ हाईवे को केदारनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए पुल का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। सुरंग निर्माण के दौरान अंधाधुंध ब्लास्ंिटग के कारण स्थानीय लोगों को अब दिक्कतें शुरू हो गई हैं। घरों में पड़ी दरारें उन्हें सोने नहीं दे रही है। ग्रामीणों की रातों की नींद हराम हो चुकी है। हालांकि सुरंग आर-पार होने के बाद इन दिनों अन्य कार्य चल रहे हैं और मार्च 2025 तक यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से मुख्यालय से सटे औण, डांगसेरा, पुनाड़ गांव भी खतरे की जद में है। औण गांव के ऊपर पहाड़ी से भी पत्थर बरस रहे हैं, जबकि नीचे से सुरंग निर्माण के कारण भवनों में मोटी-मोटी दरारें पड़ रही हैं। इनके सामने आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति बनी है।

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