
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया भाजपा मुख्यालय कूच
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत गुरूवार ठीक 1 बजे पहुॅचे नेहरु कालोनी फुवारा चौक पहुंचे हालाकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी भाजपा कार्यालय तक मार्च को एकांकी बताया था, फिर भी स्वयं स्वतस्फूर्त कांग्रेस कार्यकर्ता हरीश रावत के नारे लगाते हुए साथ चलते रहे। पुलिसबल ने भाजपा मुख्यालय को चौतरफा बैरिकेड़ लगाकर घेराबंदी की गई थी, परंतु बेरिकेडिंग पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच धक्का मुक्की के उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भाजपा मुख्यालय तक पहुॅचे में सफल हो गए, भाजपा मुख्यलय के निकट पहुॅचकर उन्होने सर्वप्रथम देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपई को श्रद्धाजंलि व नमन करते हुए कहा कि आज की भाजपा को स्वर्गीय अटल से सीख लेनी चाहिए कैसे सबको साथ लेकर सामाजिक सौहार्द बनाया जाता है।
उन्होने कहा कि भाजपा के दोस्तों आप मेरी सार्वजनिक छवि को खराब करने के लिए झूठ बोलते हो। सब मिलकर बोलते होए नीचे से ऊपर तक। चुनौती देने पर प्रमाण देते नहीं हो। इसलिए मै आज आपसे प्रमाण पत्र मॉगने आया हूॅ और कहा कि आप द्वारा छद्म तौर पर संचालित किये जा रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में मुझे पाकिस्तान के लिए जासूसी करताए राष्ट्रद्रोही दिखाया गया है। मुझे गोली मार कर मेरी प्रति नफरत आधारित हिंसा को प्रोत्साहित किया गया है। प्रमाण दो मैं पाकिस्तान का जासूस हूं। आपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कृत्रिम मेघा का दुरुपयोग कर मेरी छवि इस प्रकार प्रस्तुत की है। जिससे राज्य का सामाजिक सौहार्द बिगड़े व उसका मैं केंद्र बिंदु बनूं। आपके आईटी सेल उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष ने जिसे अपने आधिकारिक पेज में डालकर प्रचारित.प्रसारित किया हैए आपने जो दिखाने का प्रयास किया है। वैसा मैंने कहां किया उसका प्रमाण दो। उन्होने यह भी कहा कि वर्ष 2017 में आपने मेरे नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया कि हमने जुम्मे की नमाज़ अर्थात शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए राज्य के सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। जबकि आप व प्रधानमंत्री जानते हैं कि कोई भी सरकार किसी धर्म के त्यौहार का अवकाश तो घोषित कर सकती है। परंतु धर्म विशेष की प्रार्थना के लिए छुट्टी घोषित नहीं कर सकती है। फिर भी आप सबने मिलकर झूठ फैलाया और अभी तक कथित छुट्टी का गजट नोटिफिकेशन नहीं दिखाया है और राज्य में कहां व किस कार्यालय में शुक्रवार को छुट्टी हुई है या हो रही हैए अभी तक प्रमाण नहीं दिया है। क्योंकि ऐसी कोई भी छुट्टी राजपत्र में अधिसूचित अर्थात गजट नोटिफाइड होती है। आप वह गजट नोटिफिकेशन दिखाइए। राज्य अवकाशों की सूची भी नहीं दिखाई है। कथित चिट्ठी कभी भी आप बनवा सकते हैं। उन्होने यह भी कहा कि आपकी पार्टी व आपके शीर्षस्थ नेताओं ने यह जानते हुए भी कि भारत का संविधान धर्म के आधार व धर्म के नाम पर कोई विश्वविद्यालय या संस्थान खोलने की अनुमति नहीं देता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के चुनाव में भाजपा व भाजपा के नेताओं ने झूठ बोला कि मैंने यह कहा कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी। मेरे चुनौती देने के बाद भी अभी तक मेरा कोई ऐसा सार्वजनिक बयान जो समाचार पत्रों में छपा हो या मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर मैंने दिया होए मेरे बयान के प्रमाण स्वरूप सार्वजनिक नहीं कर पाए हो! भाजपा का डर्टी ट्रिक्स सोशल मीडिया ही इस झूठ को बनाता है व लगातार फैलाता है। और कहा कि आपके माननीय मुख्यमंत्री बार.बार राज्य में आगे भारी डेमोग्राफिक बदलाव की बात करते हैं। किस वर्ष कितना ऐसा बदलाव हुआ उसका आधिकारिक ब्यौरा नहीं देते हैं। सरकार एक स्वतंत्र सिटिजन सोशियल ऑडिट कमेटी गठित करए दो माह में उसके अध्ययन को सार्वजनिक करें कि कबए किस वर्ष में कितना बदलाव हुआ और आपकी सरकार इस बदलाव को ठीक करने के लिए क्या कदम उठा रही है। राज्य में कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए पाए गए हैं। यह किस वर्ष में आए और इन्हें निकाल बाहर करने के लिए आपने अभी तक क्या.क्या कदम उठाये हैं।
देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने अंकिता हत्याकाण्ड़ मे वायरल हो रहे गटटू भटटू व भाजपा के पूर्व विधायक की कथित पत्नी ने वीआईपी का नाम उजागर करने पर भी भाजपा सरकार को घेरा है और कहा कि अंकिंता की हत्या उत्तराखण्ड़ के आत्मसम्मान की हत्या है और जिस प्रकार से सबूत नष्ट किए गए, बुल्डोजर चलाया गया, फौरेसिंक तथ्य मिटाए गए वो सब गटटू भटटू को बचाने की साजिश रही है और सर्वाेच्च न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय के सिटिंग जज मे सीबीआई जॉच सुनिश्चित की जानी चाहिए।



