
मैदानी इलाकों में जनजीवन की रफ्तार पड़ने लगी धीमी
ट्रैफिक और स्वास्थ्य पर बढ़ी लोगों की चिंता
देहरादून। घने कोहरे और बदलते मौसम के बीच उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में जनजीवन की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है। सुबह और देर रात के समय दृश्यता कम होने से सड़क यातायात पर भी असर साफ दिखाई दे रहा है। हाईवे और प्रमुख संपर्क मार्गों पर वाहन चालकों को बेहद सावधानी से सफर करना पड़ रहा है, जिससे यात्रा का समय बढ़ गया है।
देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में सुबह के समय स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और किसानों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर वाहन चालकों ने फॉग लाइट और इंडिकेटर का सहारा लिया, जबकि कुछ इलाकों में पुलिस को ट्रैफिक नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ी।
कोहरे का असर हवाई सेवाओं पर भी पड़ने की आशंका जताई जा रही है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन दृश्यता पर निर्भर बताया जा रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों को सलाह दी है कि यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति की जानकारी अवश्य ले लें, ताकि असुविधा से बचा जा सके।
मौसम में उतार-चढ़ाव का असर स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल रहा है। अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। चिकित्सकों ने बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा या हृदय रोग से ग्रसित लोगों को सुबह और देर रात बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। कृषि क्षेत्र में भी कोहरे और नमी का प्रभाव दिखाई दे रहा है। किसानों का कहना है कि लगातार कोहरा पड़ने से सब्जियों और फसलों में रोग लगने की आशंका बढ़ गई है। विशेषज्ञों ने किसानों को फसल की निगरानी बढ़ाने और आवश्यक एहतियाती उपाय अपनाने की सलाह दी है।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि घने कोहरे के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें, वाहन चलाते समय गति नियंत्रित रखें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें। मौसम की यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक बने रहने की संभावना को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है।



