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खतरनाक हुई देहरादून की आबोहवा एक्यूआई 210 रिकार्ड किया गया

इतना ही नहीं, देहरादून में साल का अंतिम महीना होने के कारण पर्यटकों की आवाजाही भी है। लोगों की घर से बाहर रात के समय गतिविधियां बढ़ी है।

दून ने एक्यूआई में कानपुर और पटना जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ा
देहरादून। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक होने के बाद पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का देहरादून शहर भी प्रदूषण के मामले में देश के कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ रहा है। तापमान में गिरावट और कोहरे की वजह से देहरादून की हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इससे सुबह और शाम के वक्त हवा की गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब दर्ज की जा रही है।
वैसे तो देश में प्रदूषण को लेकर दिल्ली का नाम सबसे ज्यादा आता है। लेकिन इस मामले में देहरादून भी पीछे नहीं है। वक्त के साथ ही देहरादून ने स्वच्छ और साफ सुथरी हवा वाली अपनी पहचान को खो दिया है। स्थिति यह है कि कई बार देहरादून प्रदूषण के मामले में दिल्ली को भी टक्कर दे रहा है। फिलहाल ताजा रिपोर्ट भी बेहद चिंताजनक स्थिति को बयां कर रही है और देहरादून को देश के कई बड़े शहरों के मुकाबले प्रदूषण के मामले में चिंताजनक हालातों में दिखा रही है।
आंकड़ों के रूप में देखें तो बुधवार रात को देहरादून शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 210 रिकॉर्ड किया गया था। जबकि इससे एक दिन पहले मंगलवार रात को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 तक रिकॉर्ड किया गया, जो की बेहद खराब स्थिति को बयां करता है। इसी रिकॉर्ड को देश के दूसरे शहरों से तुलनात्मक रूप से देखें तो प्रयागराज में बुधवार रात एयर क्वालिटी इंडेक्स 130 था। इसी तरह कानपुर में 114 और पटना में 106 रिकॉर्ड किया गया था। यानी देहरादून का एयर क्वालिटी इंडेक्स इन शहरों से बेहद ज्यादा खराब स्थिति में पाया गया। इस मामले में दून विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के एचओडी प्रोफेसर विजय श्रीधर ने कहा कि पर्यावरण में एक्यूआई का यह रिकॉर्ड कुछ समय के लिए रहा, लेकिन यह स्थिति भी चिंताजनक हालातों को बयां करती है।
खास बात यह है कि देहरादून शहर में इन दिनों शादियों की भरमार और लोगों की बुरी आदतों को इसकी वजह माना जा रहा है। प्रोफेसर विजय श्रीधर कहते हैं कि देहरादून शहर में फिलहाल शादियों का सीजन चल रहा है और हर दिन कई शादियां हो रही हैं। इसके लिए लगने वाले तंदूर से बेहद ज्यादा प्रदूषण हो रहा है। इतना ही नहीं, देहरादून में साल का अंतिम महीना होने के कारण पर्यटकों की आवाजाही भी है। लोगों की घर से बाहर रात के समय गतिविधियां बढ़ी है। ऐसे में तमाम रेस्टोरेंट, ढाबे और दूसरे संस्थान भी तंदूर और भट्ठियों का प्रयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देहरादून शहर में लोगों द्वारा कूड़े को खुले में जलाने का काम भी किया जाता है और यह प्रदूषण की एक बड़ी वजह है। उधर, देहरादून में बढ़ता ट्रैफिक और बायोमास के कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है।  सुबह और रात के समय प्रदूषण के बढ़ने की एक बड़ी वजह हवा की गति का कम होना भी है। सुबह और शाम के समय तापमान कम होने के कारण हवा ऊपर की तरफ नहीं बह पाती और प्रदूषण वायुमंडल में ही बना रहता है। उधर, दूसरी तरफ नवंबर महीने के अलावा दिसंबर में भी अभी तक बारिश देखने को नहीं मिली है और इसके कारण वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है और इस कारण भी एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिक दिखाई दे रहा है।

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