
केंद्र और राज्य के बीच फंसा मामला, हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हेमवती नन्दन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त कई कॉलेजों के कर्मचारियों को काफी समय से वेतन नहीं मिला है। इस मामले पर गुरुवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए दीपावली के बाद की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त कई कॉलेजों के कर्मचारियों को काफी समय से वेतन न दिए जाने के मामले पर सुनवाई हुई। याचिकाओं में कहा गया कि उनके वेतन दिये जाने के प्रकरण में साल 2024 को केंद्र सरकार, राज्य सरकार व केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच एक बैठक हुई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, तब तक कर्मचारियों का वेतन राज्य सरकार देगी, लेकिन तब से राज्य सरकार ने उनका वेतन नहीं दिया। अब कर्मचारियों को रोजी रोटी के लाले पड़ने लगे है। इसलिए इस मामले की शीघ्र सुनवाई की जाय कि उनका वेतन आखिर कौन देगा, केंद्र सरकार या राज्य सरकार?
वैसे पूर्व में कोर्ट ने जनहित याचिका में आदेश देकर कहा था कि कर्मचारियों का वेतन केंद्र सरकार देगी, जिसका अनुपालन नहीं हुआ। इस आदेश के क्रम में राज्य सरकार, केंद्र सरकार व केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच बैठक भी हुई, लेकिन राज्य सरकार ने वेतन देने से साफ मना करते हुए कहा कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय है, इसलिए कर्मचारियों का वेतन केंद्र सरकार देगी। इसके उत्तर में केंद्र ने राज्य सरकार से कहा कि अभी अभी मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जब तक उसका निस्तारण नहीं हो जाता तब तक राज्य सरकार वेतन देगी।
इसके अलावा गुरुवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यूसीसी मामले में सुनवाई करते हुए अगली तिथि 10 नवंबर की तय कर दी। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र की अगुवाई वाली खंडपीठ में आज लगभग एक दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हलफनामा पेश किया गया और कहा गया कि वह यूसीसी नियमावली में संशोधन कर रही है। इसके बाद मामले से जुड़े लगभग एक दर्जन याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने प्रस्तावित संशोधनों के अध्ययन के लिए समय मांगा। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर तय कर दी। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने बुधवार को यूसीसी के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी। याचिकाकर्ताओं में सुरेश सिंह नेगी, अलमासुद्दीन सिद्दीकी समेत अन्य शामिल हैं।