
मिनी आंगनबाड़ी केंद्र अब पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे
सुपरवाइजर के 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से भरे जाएंगे
स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमावली में संशोधन, तबादले में छूट
यूसीसी नियमावली में संशोधन-नेपाली-भूटानी नागरिकों की शादी का पंजीकरण संभव
राज्य स्थापना दिवस पर विधानसभा सत्र की तिथि तय करने का अधिकार सीएम को
कार्मिक विभाग पदोन्नति नियमावली में शीतलीकरण का लाभ
वित्त विभाग में पब्लिक सेंटर से 15 प्रतिशत मुनाफा राज्य सरकार को
कैबिनेट ने 8 प्रस्तावों पर लगाई अपनी मोहर
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में कुल 8 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक में महिला सशक्तिकरण से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं, यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) और राज्य स्थापना दिवस पर होने वाले विधानसभा सत्र तक कई बड़े निर्णय लिए गए।
कैबिनेट ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के तहत एक बड़ा फैसला लिया है। अब मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में तब्दील किया जाएगा, जिसके लिए केंद्र सरकार ने सहमति दे दी है। इसके साथ ही सुपरवाइजर नियमावली में संशोधन किया गया है। अब 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से ही भरे जाएंगे, जिससे जमीनी स्तर की कार्यकर्ताओं को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे।
मुख्य रूप से देहरादून के रायपुर क्षेत्र में विधानसभा भवन बनाए जाने के मद्देनजर आसपास के क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित कर दिया गया था। ऐसे में मंत्रिमंडल में इस फ्रीज जोन में छोटे निर्माण कार्यों को अनुमति दे दी है, जिसके तहत फ्रीज जोन में व्यक्तिगत आवास और दुकान बना सकेंगे। हालांकि, इसके लिए आवास विभाग अलग से गाइडलाइन जारी करेगा। आधार के अलावा नेपाली और भूटानी नागरिक प्रमाणपत्र को भी वैध माना जायेगा। तिब्बती नागरिक के लिए विदेशी पंजीकरण को भी वैध माना जायेगा।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अब एक बार तबादले में छूट की व्यवस्था की गई है, जिससे कार्मिकों को स्थानांतरण में लचीलापन मिलेगा। कैबिनेट ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) नियमावली में भी आंशिक बदलाव को मंजूरी दी। अब नेपाली और भूटानी नागरिकों की शादियों का पंजीकरण भी यूसीसी पोर्टल पर आधार कार्ड या विदेशी पंजीकरण के आधार पर किया जा सकेगा।
राज्य स्थापना दिवस (9 नवंबर) के अवसर पर आयोजित होने वाले विधानसभा सत्र की तिथि तय करने का अधिकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा गया है। कार्मिक विभाग की पदोन्नति नियमावली में संशोधन किया गया है। अब यदि किसी कर्मचारी ने किसी पद पर 50 प्रतिशत सेवा पूरी कर ली है और वह दूसरी सेवा में स्थानांतरित होना चाहता है, तो उसे शीतलीकरण अवधि का लाभ पदोन्नति में मिलेगा।
वित्त विभाग के अंतर्गत पब्लिक सेंटर से संबंधित नया प्रावधान लाया गया है। अब ऐसे सेंटर जो 100 प्रतिशत टेकिंग पर कार्यरत हैं, उन्हें अपने शुद्ध मुनाफे का 15 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होगा। राज्य स्थापना के 25वें यानी रजत जयंती वर्ष के अवसर पर विशेष सत्र आयोजित किए जाने का निर्णय लिया है। जिसकी तिथियां का निर्धारण करने के लिए कम धामी को अधिकृत किया गया। उत्तराखंड राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के लिए लाभांश वितरण नीति के तहत यह व्यवस्था की गई थी कि जो पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग निगम है। इनको जो आफ्टर टैक्स प्रॉफिट है, उसका 15 फीसदी प्रॉफिट राज्य सरकार को देना होगा, जिस पर मंत्रिमंडल ने मोहर लगा दी है।
मार्च 2023 में 11 क्षेत्रों को फ्रीज जोन किया गया था घोषित
देहरादून। जिस राजधानी देहरादून में चौतरफा निर्माण की बाढ़ आ रखी है, वहां का एक बड़ा हिस्सा ढाई साल से अधिक समय से फ्रीज जोन का हिस्सा था। फ्रीज जोन में जमीनों की खरीद फरोख पर रोक थी और भवन निर्माण के नक्शे भी पास नहीं किए जा रहे थे। ऐसे में जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसका एक विपरीत असर यह भी पड़ रहा है कि फ्रीज जोन में अवैध निर्माण बढ़ गए। जिन पर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की तलवार भी लटकी। दूसरी तरफ जमीनों की रजिस्ट्री न होने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान होता रहा। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की कैबिनेट ने नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए फ्रीज जोन से छूट प्रदान कर दी है। अब संबंधित क्षेत्रों में छोटे घरों और दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी गई है।
मार्च 2023 में राज्य कैबिनेट में लिए गए निर्णय के मुताबिक रायपुर से लेकर हरिद्वार रोड तक 11 क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित कर दिया गया था। ताकि यहां विधानसभा, सचिवालय और विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यालयों का निर्माण किया जा सके। लेकिन, ढाई साल से अधिक समय से इस दिशा में कुछ नहीं किया जा सका। दूसरी तरफ अकारण लंबा प्रतिबंध झेलने से जनता को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। तमाम लोग रोक के बावजूद अवैध निर्माण करने को विवश हो गए। क्योंकि, वैध तरीके से निर्माण के लिए सभी रास्ते बंद थे। यह स्थिति दून के सुनियोजित निर्माण के लिए भी उचित नहीं मानी गई। जब रायपुर और इससे सटे क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित किया गया था, तब सरकार ने संबंधित क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने के लिए 06 माह का समय दिया था। इस प्लान अब अभी तक कुछ भी प्रगति नहीं हो पाई है। फिलहाल अभी यह इंतजार और लंबा खिंच सकता है।
रायपुर क्षेत्र में विधानसभा, सचिवालय आदि के रूप में एडमिन सिटी विकसित करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग ने वन भूमि का हस्तांतरण अपने नाम पर किया था। लेकिन, इसके बाद अधिकारी अपेक्षित तेजी नहीं दिखा पाए। जिसके चलते वन भूमि हस्तांतरण और इसी क्रम में अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति की समय अवधि बीत गई। अब दोबारा से प्रकरण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के स्तर पर लंबित है। रायपुर, नेहरूग्राम (आंशिक), चक तुनवाल मियांवाला, नथुवावाला, मियांवाला, हर्रावाला, बालावाला, हर्रावाला का दूसरा भाग (आंशिक), कुंआवाला, नकरौंदा, गूलरघाटी (आंशिक) प्रतिबंध लगाया गया था।