उत्तराखंड

द्रोणसागर डैम अतिक्रमण पर होईकोर्ट ने डीएम से 25 तक मांगी रिपोर्ट

इस स्थान का महाभारत काल से जुड़ाव माना जाता है। माना जाता है कि पांडवों ने अपने गुरू द्रोणाचार्य के लिए इस लेक का निर्माण किया था।

काशीपुर द्रोणसागर डैम अतिक्रमण मामले पर सुनवाई
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने काशीपुर द्रोणसागर डैम की जमीन पर किए जा रहे अतिक्रमण, ऐतिहासिक मंदिरों आने वाले चढ़ावे का दुरुपयोग करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले में सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ती सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर से 25 सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा है अगर जिलाधिकारी रिपोर्ट पेश नहीं करते हैं तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश जारी किए जाएंगे। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 25 सितंबर की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार काशीपुर निवासी चक्रेश कुमार जैन ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि काशीपुर स्थित ऐतिहासिक द्रोणसागर लेक में अतिक्रमण के साथ अनैतिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। इस स्थान का महाभारत काल से जुड़ाव माना जाता है। माना जाता है कि पांडवों ने अपने गुरू द्रोणाचार्य के लिए इस लेक का निर्माण किया था। इसलिए इसका नाम द्रोण सागर पड़ा। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि इस लेक के चारों ओर 30 ऐतिहासिक मंदिर मौजूद हैं। वर्ष 2018 में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने इस क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए इसे एएसआई के अधीन करने पर सहमति दी थी। वर्ष 2020 में ऊधम सिंह नगर के जिलाधिकारी की ओर से लेक के संरक्षण के लिए उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं दी गयी है। कमेटी को यहां से होने वाली आय को पृथक से खाता खोल कर राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा करने के निर्देश भी दिये गये थे, लेकिन प्रशाशन अभी तक अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है। एक दूसरे मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में नैनीताल जिले में काठगोदाम से लालकुआं तक नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण के बाद काठगोदाम, लालकुआं, गौरापड़ाव, तीनपानी में बनाए गए हाईवे के बेतरीब कट के चलते हुए हादसों की बढ़ती दुर्घटनाओं का स्वतः संज्ञान वाली जनहित याचिका पर भी सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ती सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ एनएच के जवाब व अधिकारी के बयान से सन्तुष्ट नही हुई। कोर्ट ने शिकायतकर्ता से कहा आप ही इसके सुधार के लिए सुझाव पेश करें। साथ मे एनएच में दुर्घटनाएं कम हो वे भी अपना प्लान पेश करें।

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