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गौरीकुंड हाईवे पर वाहन पर बोल्डर गिरने से दो की मौत, तीन घायल

मृतक और घायल सभी उत्तरकाशी जिले के सियालब गांव के निवासी बताए जा रहे हैं। इस हादसे से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

हादसे के समय वाहन में मौजूद थी 11 सवारियां
दो गंभीर घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया

रुद्रप्रयाग। जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब गौरीकुंड हाईवे पर मुनकटिया के पास अचानक भारी बोल्डर एक यात्री वाहन पर गिर पड़ा। यह वाहन सोनप्रयाग से गौरीकुंड की ओर जा रहा था। भूस्खलन ज़ोन में पहाड़ से गिरे इस बड़े पत्थर की चपेट में आने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के समय वाहन में कुल 11 सवारियां मौजूद थीं। दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तुरंत सोनप्रयाग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से दो गंभीर घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है।
हादसे में घायल हुए लोगों में नवीन सिंह रावत (35 वर्ष), पुत्र जयेंद्र सिंह, निवासी सियालब, थाना बड़कोट, जिला उत्तरकाशी, तथा ममता (29 वर्ष), पत्नी चौन सिंह पवार, निवासी सियालब, दोनों को गंभीर हालत में रेफर किया गया है। इसके अलावा प्रतिभा (25 वर्ष), पुत्री गिरवर सिंह, निवासी सियालब, घायल हुई हैं। वहीं इस दुर्घटना में रीता (30 वर्ष), पत्नी उदय सिंह, और चंद्र सिंह (50 वर्ष), पुत्र कलम सिंह, दोनों की मौत हो गई। मृतक और घायल सभी उत्तरकाशी जिले के सियालब गांव के निवासी बताए जा रहे हैं। इस हादसे से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से भूस्खलन और बोल्डरों के गिरने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पहाड़ी रास्तों पर हर दिन नए-नए खतरे पैदा हो रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों में दहशत का माहौल है। मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को प्रदेश के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिलों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार मानसून इस समय अपने चरम पर है और आने वाले दिनों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है।
सुरक्षा के मद्देनज़र प्रदेशभर के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। रविवार को पूरे प्रदेश में लगातार कई दौर की बारिश दर्ज की गई थी, जिसके बाद नदियाँ और गाड़-गदेरे उफान पर हैं। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल ने बताया कि इस अवधि में तापमान में गिरावट भी देखने को मिलेगी और पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और भूस्खलन प्रभावित इलाकों में विशेष सावधानी बरतें।
लगातार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कें जगह-जगह बंद हो रही हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। रुद्रप्रयाग की यह घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि बारिश के मौसम में पहाड़ी रास्तों पर यात्रा करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। मृतकों के परिवारों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है, वहीं घायलों का इलाज जारी है। प्रशासन और बचाव दल लगातार प्रभावित इलाकों में नजर बनाए हुए हैं।

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