
रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड हाइवे अवरुद्ध होने से तीसरे दिन भी केदारनाथ यात्रा सुचारू नहीं हो सकी। सोनप्रयाग से किसी भी यात्री को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी गई।
वहीं केदारनाथ दर्शन कर लौट रहे 1100 से अधिक यात्रियो को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा जंगल के रास्ते पगडण्डियों से सुरक्षित निकाला गया। केदारनाथ हाईवे पर सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच मुनकटिया के पास अवरुद्ध है, हाइवे को खोलने के लिए नेशनल हाइवे द्वारा पाँकलैंड मशीनों से बोल्डर हटाने का कार्य किया जा रहा है। केदारनाथ हाइवे गत बुधवार को सोनप्रयाग से आगे मुनकटिया के पास अवरुद्ध हो गया था। भारी मात्रा में मलबा आने व हाइवे क्षतिग्रस्त होने से यात्रा रोक दी गई थी। तीसरे दिन भी दिन यात्रा रोकी रही। राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण खंड द्वारा सोनप्रयाग में बंद हाईवे को खोलने के लिए सोनप्रयाग की तरफ से पाकलैंड व जेसीबी की मदद से मलबा व बोल्डर हटाने का काम शुरू किया गया। लेकिन हाड़ी से लगातार बोल्डर आ रहे हैं, जिससे मलबा हटाने में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
यहां पर सत्तर मीटर सड़क का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। वहीं सोनप्रयाग व आस पास के क्षेत्रों में पांच हजार से अधिक यात्री हाइवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन पुलिस ने सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई।
एनएच लोनिवि के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडेय ने बताया कि हाइवे को खालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सभी अधिकारी मौके पर हैं और हाइवे को खोलने के प्रयास में जुटे हुए हैं। कहा कि मलबा बड़ी मात्रा में आने से इसे हटाने में समय लग रहा है, वहीं पहाड़ी से भी लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे मलबा हटाने में व्यवधान पैदा हो रहा है।
जबकि बीते दिन सांय तक 2179 यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया था। गौरीकुंड से मुनकटिया की ऊपरी तरफ से पहाड़ी में किसी तरह एसडीआरएफ द्वारा वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है जिससे यात्रियों को सुरक्षा जवान रास्ता पार करा रहे हैं
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि रेस्क्यू अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। एक हजार से अधिक यात्रियों को तीसरे दिन सोनप्रयाग लाया गया। इधर, एसडीआरएफ के उप निरीक्षक आशीष डिमरी ने बताया कि एसडीआरएफ, पुलिस और एनडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू अभियान में सभी यात्रियों को सुरक्षित रास्ता पार कराया गया है।
एसडीआरएफ ने यात्रा मार्ग में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला
रुद्रप्रयाग। श्रीकेदारनाथ यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य मुनकटिया क्षेत्र में वर्षा एवं बोल्डरों के गिरने के कारण मार्ग अवरुद्ध होने पर एसडीआरएफ टीम ने अन्य बचाव इकाईयों के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उप निरीक्षक श्री आशीष डिमरी के नेतृत्व में एसडीआरएफ टीम ने प्रभावित क्षेत्र में फंसे श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्गों से सुरक्षित निकालने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
आज चलाये गए रेस्क्यू अभियान के अंतर्गत शाम 5 बजे तक एसडीआरएफ टीम ने कुल 1619 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें 1258 पुरुष, 268 महिलाएं एवं 93 बच्चे सम्मिलित हैं।
एसडीआरएफ के लैंडस्लाइड में यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर पार कराया गए यात्रियों की संख्या
पुरुष 1258
महिला 268
बच्चे 93
कुल 1619
गौरीकुंड शटल पार्किंग और मनकुटिया मंदिर के बीच हो रहा भूस्खलन,
रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की यात्रा दूसरे दिन भी बंद रही। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे के सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच मलबा और बोल्डर आने से आवाजाही पूर्ण रूप से बंद पड़ी हुई है, जबकि पैदल मार्ग के मुनकटिया में भी लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिस कारण तीर्थयात्रियों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। राजमार्ग को खुलने में कितना समय लगेगा, यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। एनएच विभाग की मशीने राजमार्ग को दुरूस्त करने में जुटी हुई हैं, जबकि गौरीकुंड में फंसे सभी तीर्थयात्रियों को जंगलों के रास्ते निकालकर सोनप्रयाग पहुंचा दिया गया है। सोनप्रयाग में बैरियर लगाकर किसी भी तीर्थयात्री को केदारनाथ की ओर नहीं भेजा जा रहा है।
पहाड़ों में मानसूनी बारिश के साथ ही भूस्खलन का दौर जारी है और लगातार बारिश व भूस्खलन होने से परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। बारिश व भूस्खलन का सबसे बुरा असर केदारनाथ धाम की यात्रा पर पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी केदारनाथ धाम की यात्रा पूर्ण रूप से बंद रही, जबकि रेस्क्यू अभियान जारी रहा। केदारनाथ धाम में विद्युत आपूर्ति भी दो दिनों से ठप पड़ी हुई है। गौरीकुंड में फंसे सभी तीर्थ यात्रियों का रेस्क्यू पूर्ण हो चुका है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे के सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बंद मार्ग को खोलने में अभी समय लग सकता है। राजमार्ग पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। केदारनाथ धाम जाने के लिए सोनप्रयाग पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों को वापस भेजा जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बताया कि बीते मंगलवार की सांय गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग की तरफ करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी पर पहाड़ी से सड़क पर बोल्डर्स, मलबा, पत्थर आने से सड़क मार्ग व पैदल मार्ग आवागमन को लेकर पूरी तरह से बाधित हो गया था। मार्ग के खुलने तक केदारनाथ धाम से वापस आ रहे यात्रियों को वैकल्पिक पैदल मार्ग तैयार कर सुरक्षा बलों जिला पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में आपसी समन्वय के साथ निकाले जाने की कार्यवाही की गयी। गौरीकुंड में फंसे सभी तीर्थयात्री को सुरक्षित उनके गन्तव्य के लिए भेजा गया है। वहीं बाधित चल रहे मार्ग को एनएच विभाग स्तर से खोले जाने की कार्यवाही गतिमान है तथा मार्ग खुलने में अभी समय लग सकता है।