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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नाबालिग छात्रों से फर्जी वोटिंग कराने का आरोप

उन्होंने बताया कि मतदान के बाद छात्र खुद आपस में बात कर फर्जी वोटिंग की चर्चा कर रहे थे। कुछ छात्रों ने यह बात अपने परिजनों को भी बताई।

मतदान निरस्त करने की उठाई मांग
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। रुद्रप्रयाग जिले के बांसी मतदान केंद्र पर फर्जी वोटिंग का मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि राजकीय इंटर कॉलेज सौंराखाल के नाबालिग छात्रों ने मतदान किया। यह मतदान 24 जुलाई को हुए पहले चरण में हुआ था।
ग्रामीणों ने डीएम और सीडीओ को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच की मांग की है। ग्रामीणों के अनुसार, नाबालिग बच्चों के हाथों में मतदान स्याही देखी गई। मनवर सिंह बिष्ट और अर्जुन सिंह रावत ने इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र सौंपा। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि बच्चों ने फर्जी मतदान किया है। उन्होंने बताया कि मतदान के बाद छात्र खुद आपस में बात कर फर्जी वोटिंग की चर्चा कर रहे थे। कुछ छात्रों ने यह बात अपने परिजनों को भी बताई।
परिजनों और ग्रामीणों ने जब छात्रों से पूछताछ की तो उन्होंने फर्जी वोटिंग की बात कबूली। बच्चों के हाथों पर मतदान की स्याही भी पाई गई। इस घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया और लोकतंत्र की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए। ग्रामीणों ने मतदान निरस्त कर पुनः चुनाव कराने की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि मतदान केंद्र पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे बच्चों ने आसानी से वोट डाल दिए।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक चुनावी धांधली नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ है। कुछ प्रत्याशियों ने लोकतंत्र की मर्यादा का उल्लंघन किया है। ग्रामीणों ने दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मांग की गई है कि ऐसे अधिकारियों को भी चिन्हित किया जाए जो इस प्रक्रिया में शामिल थे। ग्रामीणों ने साफ किया कि बच्चों ने किसी और के नाम पर वोट डाले। इससे साफ होता है कि वोटर वेरिफिकेशन में गंभीर लापरवाही हुई है।
इस पूरे मामले में बूथ पर तैनात कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह प्रशासन की लापरवाही का बड़ा उदाहरण है।  मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र रावत ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला सामने आने के बाद प्रशासन की निष्पक्षता पर भी सवाल उठे हैं। आने वाले दिनों में यह विवाद और भी गहराने की आशंका है।

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