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आईएमए राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करतीः लासांथा रोड्रिगो

अपने संबोधन में श्रीलंका सेना प्रमुख ने कहा कि आईएमए न केवल सैनिकों को प्रशिक्षण देती है, बल्कि राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करती है।

देहरादून। सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो, ने आईएमए के आदर्श वाक्य का उल्लेख करते हुए तीन मूलभूत जिम्मेदारियों पर बल दिया, राष्ट्र के प्रति, अपने सैनिकों के प्रति और वीर जवानों के परिवारों के प्रति। उन्होंने सैनिक के चार आधारभूत मूल्यों दृ अनुशासन, ईमानदारी, निष्ठा और सम्मान को सफलता की कुंजी बताया। उनके अनुसार, अनुशासन आत्म-संयम है, ईमानदारी वह है जो तब भी बनी रहती है जब कोई देख न रहा हो, निष्ठा पद की सीमा से परे होती है, और सम्मान वह पवित्र विश्वास है जो वर्दी के साथ जुड़ा होता है।
उन्होंने कैडेट्स को याद दिलाया कि वे अब देशभक्तों की एक गौरवशाली श्रृंखला का हिस्सा बन चुके हैं और उन्हें यह वर्दी गर्व के साथ, उद्देश्य की भावना से धारण करनी चाहिए। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को विशेष रूप से बधाई दी और अन्य कैडेट्स को भी लगातार प्रयासरत रहने के लिए प्रोत्साहित किया। विदेशी कैडेट्स को उन्होंने प्ड। के मूल्यों का वैश्विक दूत बताया।
अपने संबोधन में श्रीलंका सेना प्रमुख ने कहा कि आईएमए न केवल सैनिकों को प्रशिक्षण देती है, बल्कि राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करती है। उन्होंने कैडेट्स से विवेकपूर्ण नेतृत्व करने, सत्य और न्याय के लिए संघर्ष करने तथा राष्ट्र की आशाओं को गर्वपूर्वक आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
अपने समापन उद्बोधन में उन्होंने कैडेट्स को आईएमए की महान विरासत में अपना नया अध्याय जोड़ने की प्रेरणा दी और उत्कृष्ट परेड के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि कैडेट्स अब जीवनभर चलने वाले सैन्य बंधुत्व का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रेरणास्पद शब्दों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया दृ “सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो।”

सच्चे, ईमानदार और निडर बनो
देहरादून। लेफ्टिनेंट जनरल रोड्रिगो ने फील्ड मार्शल सैम मानेकशा के शब्दों को याद करते कहा कि सच्चे, ईमानदार और निडर बनो। उन्होंने कहा कि आइएमए सिर्फ सैनिक तैयार नहीं करता, बल्कि ऐसे नागरिक तैयार करता है जो भविष्य में राष्ट्र के मार्गदर्शक बनें। उन्होंने कहा कि अब युवा अधिकारी भारतीय सेना की उस विरासत का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जो सिर्फ लड़ाई नहीं, बल्कि सत्य और न्याय के लिए पहचानी जाती है।

पुरस्कार विजेताओं ने बढ़ाया गौरव
स्वार्ड आफ आनर- अन्नी नेहरा (हरियाणा)
गोल्ड मेडल- रोनित रंजन नायक (ओडिशा)
सिल्वर मेडल- अन्नी नेहरा (हरियाणा)
ब्रान्ज मेडल- अनुराग वर्मा (उत्तर प्रदेश)
टीजी कोर्स सिल्वर- आकाश भदौरिया (मध्यप्रदेश)
टीईएस सिल्वर- कपिल
सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट- निशान बलामी (नेपाल)
चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर- केरन कंपनी

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